विजयादशमी की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनायें।
राम भी मुझमे
रावण भी मुझमे
कंस भी मुझमे
कृष्ण भी मुझमे
सगुणों का भंडार हूँ मैं
दुर्गुणों की खान भी मै हूँ
काम भी मुझमे
क्रोध भी मुझ मै
लोभ, मोह और अहँकार भी मुझमे
कलयुग का अंधकार भी मुझमे
राम नाम का प्रकाश भी मुझमे
राम और रावण का अविराम
युद्ध भी मै हूँ
हार भी मै हूँ
जीत भी मै हूँ
माया भी मै हूँ
मोक्ष भी मै हूँ
सुख हताश न होना कभी
लाचार कमजोर न मानो खुद को
चाहे ये युद्ध युगों चले
रावण की जय कभी हो नहीं सकती
राम से उपजे राम में बिनसे
राम नाम बिन गत हो नही सकती। _/\_
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