कलाकार कभी मरते नही । वो हमेशा जिंदा रहते हैं, अपनी कला के रूप मे, आने वाली पीढ़ियों के लिये प्रेरणा बन कर ।
जब भी लता मंगेशकर जी को सुना यही ख्याल मन मे आया, कि इस दुनिया से अलग और भी दुनियां है, जहाँ असीमित प्रतिभा के जीव रहते हैं जो कभी कभी पृथ्वी पर मानव रूप मे भ्रमण करने आते हैं । उनकी असाधारण प्रतिभा उन्हें साधारण जीवों से अलग कर देती है । ऐसी ही एक महान आत्मा थीं, लता मंगेशकर जी ।ऐसा कोई भाव नही जो उन्हें सुन कर जागृत न हुआ हो, चाहे वो देश भक्ति हो, प्रेम हो, भक्ति हो, वैराग्य हो या वात्सल्य हो ।
कभी कभी ही ऐसे कलाकार या फ़नकार पैदा होते हैं, जिन्हें पाकर कला भी खुद को धन्य महसूस करती है । शायद ही इस जहाँ मे कोई ऐसी रूह होगी जिसने लता जी के गाये गीतों को महसूस न किया हो ।
आज हमारी दुनिया ऐसी ही एक महान आत्मा से वंचित हो गई । चाहे लता जी देह रुप मे आज हमारे बीच नही हैं, पर उनकी मधुर आवाज सदा सदा इस दुनिया मे उनके होने का अहसास दिलाती रहेगी ।
ॐ शांति । _/\_
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