जिन्दगी हर किसी को मौका नहीं देती
किसी को एक बार किसी को दो बार
पर बार बार हर बार हर किसी
की किस्मत नहीं खुलती
रास्ते जो न भी बदलें
तो भी ऐ मुसाफ़िर चलता जा
धीरे धीरे ही सही
पर कदम बढ़ाये जा
जब तक ऑंखें बंद न हो
जब तक ये जिस्म फन्हा न हो
जब तक इस दुनिया से
रूह रुखसत न हो
तू चलता जा
बस आगे बढ़ता जा
मत सोच कौन
पीछे छूट गया
मत सोच
कौन आगे निकल गया
बस पहचान अपनी मंजिल को "सुख"
और आगे बढ़ता जा ~
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