ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व हमें गुरु के अमूल्य महत्व का स्मरण कराता है। गुरु वह दिव्य ज्योति है जो अज्ञान के अंधकार को दूर कर हमें ज्ञान, सत्य और आत्मबोध की ओर ले जाता है। गुरु केवल शिक्षक नहीं, बल्कि वह मार्गदर्शक है जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सही दिशा प्रदान करता है। गुरु के बिना जीवन अधूरा है, क्योंकि वे हमें न केवल बौद्धिक ज्ञान देते हैं, बल्कि नैतिकता, धैर्य और आत्मविश्वास का पाठ भी पढ़ाते हैं।
सच्चे गुरु का महत्व वही समझ सकता है जिसने अज्ञान के अंधेरे का सामना किया हो और गुरु के ज्ञान-प्रकाश से मुक्ति पाई हो। आज के डिजिटल युग में, जहाँ इंटरनेट, सोशल मीडिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का वर्चस्व है, गुरु-शिष्य परंपरा धीरे-धीरे लुप्त हो रही है। लोग सूचना को ही ज्ञान समझने की भूल कर रहे हैं। दुर्भाग्यवश, सच्चे गुरु की पहचान करना आज कठिन हो गया है। कई स्वघोषित गुरु और बाबा सतही ज्ञान के आधार पर आश्रम स्थापित कर लाभकारी व्यवसाय चला रहे हैं। ऐसे में सच्चे गुरु की खोज एक चुनौती बन गई है।
कहा जाता है, "जिसका गुरु नहीं, उसे सद्गति नहीं।" इस विश्वास का दुरुपयोग कर कुछ लोभी और ढोंगी व्यक्ति गुरु का रूप धरकर भोले-भाले लोगों को ठगते हैं। यदि सच्चा गुरु न मिले, तो भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शिव को गुरु मानकर उनके नाम का जाप करें। भगवद्गीता और शिव पुराण का अध्ययन कर जीवन को सार्थक बनाएँ।
भगवान शिव, जिन्हें हम आदि गुरु मानते हैं, सनातन गुरु के प्रतीक हैं। वे न केवल सृष्टि के संहारक हैं, बल्कि योग, तंत्र और आत्मिक जागृति के स्रोत भी हैं। शिव के रूप में गुरु हमें सिखाते हैं कि सच्चा ज्ञान वही है जो हमें अपनी आंतरिक शक्ति और शांति से जोड़ता है।
गुरु उस पारस के समान है, जिसके स्पर्श से शिष्य सोने-सा चमक उठता है। चाहे सम्राट चंद्रगुप्त हों, जिन्हें आचार्य चाणक्य का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, या गुरु गोबिंद सिंह जी, जिन्होंने साधारण मनुष्यों को महान योद्धा बनाया - हमारा इतिहास ऐसे गुरुओं और उनके यशस्वी शिष्यों की गाथाओं से भरा है।
इस गुरु पूर्णिमा पर, आइए अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लें। गुरु का आशीर्वाद ही हमें जीवन में सफलता और शांति प्रदान करता है।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें।
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