कई वर्षों के लम्बे इन्तज़ार के बाद आज से एक साल पहले वो शुभ घडी आ ही गयी थी जब GST प्रचलन मे आया जिसे एक बड़े कर सुधार के रूप मे देखा गया, आरंभिक दौर मे लेखाकारों, कर विशेषज्ञों, व्यवसाइयों सभी के लिए ये परीक्षा की घडी थी, क्यूंकि implement होते ही सरकार के बड़े बड़े दावों की एक एक कर के पोल खुलने लगी। 3 Billion transactions की बात करने वाला server कुछ लाख transactions से ही चरमरा उठा। कई प्रश्न मन में उठते रहे जैसे :
१. काश GSTN TCS या NIC को दिया होता, तो बार बार तकनीकी समस्याऐं उत्त्पन्न न होतीं।
२. काश AJ की जगह कोई युवा और ऊर्जावान व्यक्ति देश का वित्त मंत्री होता तो सारा बोझ अकेले वित्त सचिव हसमुख अधिया को न झेलना पड़ता।
३. काश GST इस सोच के साथ कि सभी करदाता बईमान और निकम्मे हैं और कैसे इनसे ज्यादा से ज्यादा कर वसूला जाये की जगह इस सोच से चालू किया जाता कि किस प्रकार करदाताओं को कर की एक सरल प्रणाली दी जाये, तो शायद नजारा ही कुछ और होता।
Anyway जो हुआ सो हुआ, आज की बात करें तो system ठीक ठाक चल रहा है, (वैसे आज ही Trans -२ को लेकर अनेक करदाता GST Tech पर complaint करते दिखे ), NIC के नियंत्रण मे आने के बाद Eway Bill का Portal भी अच्छा काम कर रहा है। Council की पिछली सभा मे return के simplification की बात already हो चुकी है, ITC भी TDS की तरह सीधा Credit Ledger मे Credit होगा, RCM on URD Purchases 30 सितम्बर 2018 तक के लिये स्थगित हो चूका है, उम्मीद है 2019 के चुनाव के लालच मे इसे ख़तम भी किया जा सकता है, क्यूंकि इससे SME Sector को बहुत नुकसान होने की आशंका है। TDS और TCS Provisions भी 30 सितम्बर 2018 तक के लिये स्थगित हो चुके हैं। इसी उम्मीद के साथ कि अगले साल में और भी बड़े सुधार देखने को मिलेंगे - HAPPY GST DAY TO EVERYONE . THANKS.
No comments:
Post a Comment