Thursday, 5 January 2017

गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश दिवस की सभी मित्रो को कोटि कोटि बधाई !!


संत सिपाही, सरबंस दानी, महान योद्धा, महान कवि, जाप साहिब ( ईश्वर की उपमायें - ईश्वर कौन है, क्या करता है, कैसा है, उसके गुण क्या हैं ), अकाल उस्तत, बचित्र नाटक, चण्डी चरित्र, शास्त्र नाम माला, अथ पख्याँ चरित्र लिख्यते, ज़फ़रनामा, खालसा महिमा इत्यादि महान ग्रंथ एवं रचनायें सँसार को दीं । कुछ लोग कहते हैं वो राम थे तो कुछ राम का अवतार तो कुछ स्वम अकाल पुरख निराकार परमात्मा । कल्कि के अवतार में इस सृष्टि को पापों और भय से मुक्त कराने वाले करुणावतार भी वो होंगे । ईश्वर प्राप्ति का एक ही माध्यम है, ईश्वर द्वारा रचित इस सँसार से, सभी जीवों से और स्वम ईश्वर से प्रेम और समर्पण - साच कहूँ सुन लेहो सबै जिन प्रेम कियो तिनही प्रभु पायो ।

असंख्य उपमायें पर स्वमं उन्होंने जो कहा वो अचंभित करता है :

"मैं हूं परम पुरख को दासा देखन आइयो जगत तमाशा, जो हम को परमेश्वर उचरे ते सब नरक कुंड में परहें"

जैसा जीवन उन्होंने जीया, जिस प्रकार से जगत को सर्वोत्तम पंथ दिया जो एक पिता एकस के हम बारिक के सिद्धान्त पर विश्वास करता है, कोई भेद भाव नहीं मानता, मात्र जगत को राह ही नहीं दिखाई, उस राह पर चल कर भी दिखाया । धर्म, देश और मानवता के लिए हँसते हँसते बलिदान देने की प्रथा की नीव रखी । उसके आधार पर पूर्ण विश्वास से कह सकता हूँ अगर कभी ईश्वर को भी गुरु की जरुरत पड़ी तो एक ही शक्ति इस ब्रह्माण्ड में होगी : गुरु गोबिंद सिंह ।

आज खालसा पंथ के जन्मदाता गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश दिवस की सभी मित्रो को कोटि कोटि बधाई !!

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